TABLE OF CONTENT
ट्रांसलेशन/अडैप्टेशन
- बोलचाल की भाषा
- हम चाहते हैं कि हमारे दर्शक जो कॉन्टेंट देखें उससे खुद को जोड़ सकें और कॉन्टेंट से मिलने वाला मेसेज उन तक ओरिजनल वॉइस (ओवी) जितने असर के साथ ही पहुंचे. जब तक कॉन्टेंट कोई पीरियड पीस न हो या ओवी की भाषा आज की बातचीत के ढंग से अलग न हो, तो हम सलाह देंगे कि डबिंग ट्रांसलेटर को कॉन्टेंट के मुताबिक बोलचाल की भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए.
- सेंसरशिप
- हमारा मिशन है कि अपने डब किए गए वर्ज़न में मूल क्रिएटिव सोच को जितना हो सके उतना सम्मान देना. डायलॉग (गालियों के साथ) जितना हो सके उतने भरोसेमंद तरीके से बदले जाएं. उनमें ऐसा कोई शब्द या बोली इस्तेमाल न हो जिससे पैदा होने वाली अश्लीलता कॉन्टेंट में मौजूद न हो. हम अपने डबिंग अडैप्टर को खासतौर से यह सुझाव देते हैं कि ओवी में मौजूद किसी भी तरह की अश्लीलता या गाली को कम या सेंसर न करें. हालांकि, ऐसा करते समय संबंधित कानूनों का सम्मान करें.
-
- जब गालियों को अश्लीलता की जगह ज़ोर डालने के लिए इस्तेमाल किया गया हो, तो अडैप्टेशन में यह चीज़ दिखाई देनी चाहिए. इस बात का खास खयाल रखना चाहिए कि ऐसे मामलों में गाली का इस्तेमाल डायलॉग, कैरेक्टर या सीन को भद्दा न बना दे, जबकि मूल कॉन्टेंट में ऐसा न हो.
- लिप सिंक और इंटेंट
- हम चाहते हैं कि हमारे डबिंग पार्टनर हर बार पर्फ़ेक्ट लिप सिंक के लक्ष्य को पूरा करें. हालांकि, हम यह नहीं चाहते कि पर्फ़ेक्ट लिप सिंक को हासिल करने के चक्कर में ओवी का मेसेज और सोच पीछे छूट जाए. डायलॉग की मूल सोच हमारी प्राथमिकता है और हम भरोसा करते हैं कि जब ये दोनों चीज़ें हासिल नहीं की जा सकतीं, तो हमारे अपने डबिंग पार्टनर/अडैप्टर अपनी काबिलियत का इस्तेमाल करके सही फ़ैसला लेंगे.
- सेंसिटिव और विविधता वाली शब्दावली
- Netflix के लिए समावेश और विविधता (“I&D”) प्राथमिक चीज़ें हैं. हम इस दिशा में खासी प्रगति कर चुके हैं, हम अब भी सीख रहे हैं कि अपनी ज़रूरतों और उम्मीदों को डबिंग कम्युनिटी तक कैसे पहुंचाएं. जब हमारे कॉन्टेंट में I&D टॉपिक आते हैं, तो Netflix की डबिंग टीम गाइंडेंस और सपोर्ट उपलब्ध कराती है, ताकि यह पक्का किया जा सके कि हम मूल कैरेक्टर को सबसे अच्छी तरह से पेश कर रहे हैं.
-
- अगर किसी क्षेत्रीय टार्गेट भाषा में कम प्रतिनिधित्व वाली की खास कम्युनिटी के लिए, मान्य शब्द जैसे कि नॉन-बायनरी प्रोनाउन नहीं हैं, तो अडैप्टेशन को संवेदनशील होना चाहिए. साथ ही, उसे हर टाइटल के हिसाब से Netflix की डबिंग टीम से मिलकर काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए.
- स्थापित बौद्धिक संपदा और फ़्रेंचाइज़
- हमारे कुछ शो ऐसी स्थापित बौद्धिक संपदा (“आईपी”) पर आधारित हैं या होंगे, जिनका वीडियो गेम या किताबों जैसे दूसरी तरह के कॉन्टेंट के लिए अनुवाद किया गया है. डबिंग टीम यह जानकारी उपलब्ध कराएगी कि अहम रेफ़रेंस के तौर पर कौनसे स्रोत इस्तेमाल किए जाएं, ताकि हर जगह एक जैसा अनुवाद रहे.
- रिसर्च
- हमारी कुछ फ़िल्मों और सीरीज़ में अक्सर ऐसी शब्दावली इस्तेमाल होती है, जो उस विषय से जुड़ी होती है और आम बोलचाल की भाषा में लोकप्रिय नहीं होती. हम चाहते हैं कि इन ऐसे कॉन्टेंट पर काम कर रहे ट्रांसलेटर और अडैप्टर अपनी पहले की जानकारी और अनुभव का इस्तेमाल करने के साथ-साथ काफ़ी रिसर्च भी करें, ताकि हमारे डब किए गए वर्ज़न में भी मूल कॉन्टेंट जैसा स्तर मौजूद रहे. बेहतरीन नतीजों के लिए कृपया स्थानीय डबिंग टीम के साथ मिलकर काम करें और उनके साथ जानकारी और संदर्भ शेयर करें.
वॉइस कास्टिंग और परफ़ॉर्मेंस
- क्रिएटिव डायरेक्टर
-
- हम चाहते हैं कि हमारे स्टूडियो पार्टनर क्रिएटिव टीम को उतना ही सोच समझकर चुनें, जितना ध्यान प्रोड्यूसर ने मूल वर्ज़न के लिए टीम चुनने में दिया था. अनुवादक, अडैप्टर, डायरेक्टर, वगैरह को उनकी योग्यता और उस फ़िल्म/सीरीज़ के ज़ॉनर या विषय पर महारत के आधार पर पहचानकर साथ जोड़ा जाए. हम जानते हैं कि प्रोडक्शन शेड्यूल के चलते इस प्रोसेस में मुश्किल आ सकती है. इसलिए, ज़रूरत पड़ने पर तारीखों में बदलाव करने के लिए Netflix से संपर्क करें.
- हम पक्का करना चाहते हैं कि वॉइस कास्टिंग रिकॉर्डिंग सेशन के दौरान क्रिएटिव ओवरसाइट/गाइडेंस मिलता रहे. आदर्श रूप से, टाइटल से असाइन किए गए डबिंग डायरेक्टर को इन सेशन के दौरान मौजूद रहना चाहिए, लेकिन शेड्यूल की व्यस्तता या किसी और वजह से ऐसा न हो पाने पर हम चाहेंगे कि हमारे डबिंग पार्टनर किसी वॉइस कास्टिंग रिकॉर्डिंग के लिए कोई क्रिएटिव डायरेक्टर असाइन करें. उन्हें सेशन डायरेक्ट करने की ज़िम्मेदारी ऑडियो इंजीनियर या स्टूडियो स्टाफ़ पर नहीं छोड़नी चाहिए.
- उम्र और जेंडर
- स्क्रीन पर दिखाई देने वाले कलाकारों को कास्ट करना, हमारे कॉन्टेंट पर काम करने वाले फ़िल्मकारों के क्रिएटिव प्रोसेस का बड़ा हिस्सा है. हम चाहते हैं कि हमारे डब किए गए वर्ज़न भी स्क्रीन पर दिखाए गए कलाकारों के जितना हो सकते उतना करीब हों. हम पक्का करना चाहते हैं कि वॉइस आर्टिस्ट को कास्ट करते समय मूल क्रिएटिव सोच का सम्मान किया जाए. हमारी प्राथमिकता है कि हमारे डबिंग पार्टनर उम्र और जेंडर (कैरेक्टर की मूल पहचान) को ध्यान में रखकर सही कास्टिंग करें, ताकि सबसे अच्छा वोकल मैच मिल सके.
- नाबालिग कलाकारों के लिए, हमारा सुझाव रहता है कि उनकी कास्टिंग उम्र और जेंडर के आधार पर ही की जाए, लेकिन अगर उस क्षेत्र में नाबालिगों को कास्ट करने के नियम नहीं हैं, तो हम स्थानीय कारोबारी व्यवहार के मुताबिक चलते हुए कास्टिंग के नियमों का सम्मान करेंगे.
-
- अगर किसी बच्चे के कैरेक्टर के लिए वयस्क को कास्ट करना हो, तो आवाज़ को ज़्यादा से ज़्यादा मैच करने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि बाद में उम्र मिलाने के लिए प्रोसेसिंग की ज़रूरत न पड़े.
- वॉइस मैच और परफ़ॉर्मेंस
- दोनों विशेषताओं को हासिल करना एक आदर्श स्थिति हो सकती है, लेकिन कभी-कभी ऐसा करना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं होता. वॉइस मैच करना ज़रूरी है, लेकिन हमारी पहली प्राथमिकता अपने दर्शकों को शानदार एक्सपीरियंस देना है. जब तक मूल वर्ज़न से चीज़ें इस्तेमाल करने की वजह से, मूल आवाज़ के साथ पूरी तरह मैच करना ज़रूरी न हो, हम सबसे अच्छी परफ़ॉर्मेंस रिकॉर्ड करने को प्राथमिकता देंगे, ताकि दर्शकों को सबसे अच्छा एक्सपीरियंस दिया जा सके. Netflix की डबिंग टीम ऐसी स्थिति में डबिंग डायरेक्टर और पार्टनर को बताएगी की क्या करना है.
- वॉइस मैच तलाशने के पीछे सिर्फ़ यह मकसद नहीं है कि ओवी से सबसे ज़्यादा मेल खाने वाली आवाज़ ढूंढी जाए. बल्कि, आवाज़ ऐसी भी हो जो कैरेक्टर के हाव-भाव के साथ सबसे ज़्यादा मेल खाती हो.
- म्यूज़िकल
- जिस कॉन्टेंट में गानों को डब करने की ज़रूरत होती है, उनमें सबसे अच्छी स्थिति है कि डबिंग करने वाले कलाकार ही इन गानों को गाएं. अगर वॉइस ऐक्टर इन गानों को नहीं गा सकते, तो हमारी गाइडलाइन कहती है कि किसी ऐसे प्रोफ़ेशनल गायक को कास्ट किया जाए, जिसकी आवाज़ डबिंग करने वाले कलाकार से मिलती हो, ताकि गानों और डायलॉग में एकरूपता बनी रहे.
- उच्चारण और डिलीवरी
- हम यह पक्का करना चाहते हैं कि सभी डायलॉग आसानी समझ में आने वाले हों, लेकिन हम नहीं चाहते कि इसकी वजह से ऐक्टर की डिलीवरी पर असर पड़े. अगर ऐक्शन/भावनात्मक सीन में उच्चारण बिल्कुल साफ़ न हो, तो भी काम चल जाएगा या शांत और इंटीमेट सीन में बिना आवाज़ के भी काम चलाया जा सकता है. उच्चारण जितना हो सके उतना स्वाभाविक हो और जितना हो सके और डिलीवरी स्क्रीन पर दिख रहे कलाकारों के साथ ज़्यादा से ज़्यादा मैच करती हो.
- ऐक्सेंट तभी दोहराए जाने चाहिए, जब वे प्लॉट, कैरेक्टर या डायलॉग/हंसी का हिस्सा हों. उन्हें हमेशा उतनी प्रामाणिकता के साथ दोहराया जाना चाहिए, जैसा मूल कलाकार ने किया हो. ऐसे मौकों पर, किसी भी चीज़ को समझने के लिए Netflix की डबिंग टीम से संपर्क करें.
- नामों के सही उच्चारण के लिए कृपया Netflix प्रतिनिधि से ऑडियो प्रोननसिएशन गाइड रेफ़रेंस के तौर पर मांगे.
रिकॉर्डिंग
- प्रीऐम्प
- ऐनालॉग या डिजिटल प्रीऐम्प इस्तेमाल किए जा सकते हैं. अगर ऐनालॉग प्रीऐम्प इस्तेमाल किया जा रहा है, तो पक्का करें कि पसंदीदा लेवल तक गेन को बढ़ाने पर कोई शोर न सुनाई दे.
- माइक्रोफ़ोन
- लिप-सिंक ऐनिमेशन के लिए हम लार्ज-डाइफ़्राम कंडेंसर माइक्रोफ़ोन का सुझाव देते हैं. मूल वर्ज़न में आवाज़ें साउंड स्टेज जैसे नियंत्रित माहौल में रिकॉर्ड की जाती हैं और ज़्यादातर इसी तरह के माइक्रोफ़ोन इस्तेमाल किए जाते हैं. इसीलिए, हम चाहते हैं कि डब किए गए वर्ज़न ओवी से जितना हो सके उतना मेल खाएं. हमें अपने रिकॉर्डिंग इंजीनियर और टेक्नीशियन की तकनीकी काबिलियत पर भरोसा है कि वे इन माइक्रोफ़ोन को सही जगह पर लगाएंगे और कलाकार के मुंह से उनकी सही दूरी का ध्यान रखेंगे - ज़्यादा जानकारी के लिए इस डॉक्युमेंट के नीचे दिए गए डायलॉग रिकॉर्डिंग के सुझाव देखें.
- डीएडब्ल्यू
- बाज़ार में मौजूद कोई भी डीएडब्ल्यू इस्तेमाल किया जा सकता है. हम अपने डबिंग पार्टनर पर भरोसा करते हैं कि वे ऐसे प्रोफ़ेशनल सॉफ़्टेवयर इस्तेमाल करेंगे जो उनके वर्कफ़्लो और सबसे अच्छी तकनीकी ज़रूरतों को पूरा करते हों.
- प्री-रिकॉर्डिंग प्रोसेसिंग
- हमारा साफ़ निर्देश है कि कोई भी डायनामिक प्रोसेसर (ईक्यू, कंप्रेशन, लिमिटिंग, नॉइस-गेट, डी-ईज़र) इस्तेमाल न किया जाए, ताकि डायलॉग जितना हो सके उतने साफ़ तरीके से रिकॉर्ड किए जा सकें और साउंड मिक्सर ज़रूरत के हिसाब से उसमें बदलाव कर पाएं. लो कट फ़िल्टर इस्तेमाल किया जा सकता है, अगर यह 100Hz के ऊपर न हो.
- वाला/ग्रुप
- हम उम्मीद करते हैं कि डब किए गए वर्ज़न में भीड़/ग्रुप की आवाज़ मूल साउंड डिज़ाइन से मैच करेगी. Netflix पोस्ट प्रोडक्शन पर काम करके, मूल कॉन्टेंट से जितना हो सके उतना वाला और लूप ग्रुप उपलब्ध कराए (जहां डायलॉग अलग न किए जा सकते हों), लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि सभी स्टूडियो वैसा ही परतदार साउंड फिर से बना लेंगे चाहे इन मूल चीज़ों का इस्तेमाल किया गया हो या नहीं.
एडिटिंग
- शोर
- जीभ चटखाने और थूक निगलने जैसे सुनाई देने वाले शोर एडिटिंग प्रोसेस के दौरान हटा दिए जाने चाहिए. मूल परफ़ार्मेंस में इनकी मांग होने पर ही इन्हें रखा जाना चाहिए.
- मैन्युअल और प्लग-इन
- दोनों तरीके इस्तेमाल किए जा सकते हैं. नॉइस रिमूवल प्लग-इन इस्तेमाल किये जा सकते हैं, लेकिन रिकॉर्ड किए गए ऑडियो की क्वालिटी पर इस प्रोसेस की वजह से कोई असर नहीं पड़ना चाहिए.
- लिप सिंक
- हमारा सुझाव है कि रिफ़रेंस इमेज के हिसाब से एडिट किया जाए, न कि ऑडियो वेवफ़ॉर्म के मुताबिक. हम चाहते हैं कि हमारे दर्शक हमारे कॉन्टेंट का अपनी भाषा में इस तरह एक्सपीरियंस लें कि उन्हें लगे कि वे ओवी ही देख रहे हैं. डायलॉग तब शुरू हों, जब स्क्रीन पर दिख रहे कलाकारों का मुंह चले/खुले और उनके मुंह बंद करने पर डायलॉग खत्म हो जाए. साथ ही, ध्यान रखें होंठ/मुंह के आकार और स्क्रीन पर दिख रहे अभिनेता के हाव-भाव/गतिविधि का ध्यान रखें, ताकि डायलॉग को शारीरिक हाव-भाव से मिलाया जा सके और परफ़ॉर्मेंस बॉन्ड बन सके.
- ऑफ़-स्क्रीन डायलॉग
- ऑफ़ स्क्रीन सुनाई देने वाले डायलॉग के लिए, हम डब किए गए वर्ज़न को ओवी के वेवफ़ॉर्म से मैच करने का सुझाव देते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए कि इसमें दूसरे ऑडियो एलिमेंट (संगीत या एसएफ़एक्स) भी होंगे. हम पक्का करना चाहते हैं कि डब किए गए वर्ज़न में इतनी जगह होनी चाहिए कि किस्सागोई को बेहतर बनाने में साउंड डिज़ाइन अपना काम कर सके.
- सांस और प्रतिक्रिया
- हम डायलॉग एडिटर को सलाह देते हैं कि मूल डायलॉग स्टेम को फ़ॉलो करें, ताकि सही जगह पर सांस और प्रतिक्रियाओं को मैच किया जा सके.
- फ़ेड
- सबसे अच्छा है कि डायलॉग एडिटर हर डायलॉग में फ़ेड-इन और फ़ेड-आउट का इस्तेमाल करें. हो सकता है कि कमरे की टोन या प्री-ऐंप गेन जैसे शोर रिकॉर्डिंग और एडिटिंग के दौरान न सुनाई दें, लेकिन मिक्सिंग प्रोसेस में इनकी वजह से अनचाहा शोर हो सकता है.
- ट्रैक असाइनमेंट
- साउंड एडिटर को व्यवस्थित ढंग से ट्रैक असाइन करने चाहिए, ताकि साउंड मिक्सर को शुरुआत करने के लिए साफ़-सुथरा सेटअप मिले.
मिक्सिंग
- डायलॉग लेवल
- डब किए गए वर्ज़न का ऑडियो लेवल ओवी से मैच करना चाहिए. अगर रिकॉर्डिंग और एडिटिंग गाइडलाइन फ़ॉलो की गई होंगी, तो साउंड मिक्सर को डब किए गए डायलॉग पुश करने और उनकी आवाज़ ओवी से ज़्यादा बढ़ाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. डायलॉग को एक जैसा और संतुलित रखने के लिए, हम चाहते हैं कि साउंड मिक्सर लेवल ऑटोमेशन के लिए किसी डायनामिक प्रोसेसर की जगह मिक्सिंग कंट्रोलर या कंसोल का इस्तेमाल करें. डायनामिक प्रोसेसर से स्वाभाविक आवाज़ पर असर पड़ने की संभावना बनी रहती है.
- डायनामिक प्रोसेसिंग
- EQ
- ईक्वलाइज़ेशन डायलॉग में मौजूद अनचाही फ़्रीक्वेंसी को कम करने और हटाने और/या पसंदीदा फ़्रीक्वेंसी को बढ़ाने का तरीका है. ईक्वलाइज़ेशन खराब रिकॉर्डिंग की भरपायी करने के प्रोसेस के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. हम चाहते हैं कि साउंड मिक्सर इन वजहों से ईक्वलाइज़ेशन का ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल न करें.
- कंप्रेस करना
- अगर डायलॉग के डायनामिक पर ज़्यादा असर नहीं पड़ रहा है तो कंप्रेस किया जा सकता है. हम स्वाभाविक लगने वाले डायलॉग की उम्मीद करते हैं और हम चाहते हैं कि कंप्रेस करने से पहले साउंड मिक्सर, वॉल्यूम ऑटोमेशन के ज़रिए लेवल बैलेंस कर लें.
- फ़ट्ज़
- जब Netflix की डबिंग टीम प्लग-इन स्पेसिफ़िकेशन या पैरामीटर उपलब्ध नहीं करा पाती है, तो हम उम्मीद करे हैं कि साउंड मिक्सर फ़ट्ज़ को ओवी से जितना हो सके उतना मैच कराएंगे. फ़िल्म मेकर साउंड डिज़ाइनर के साथ बेहद करीब से काम करते हैं और अपने कॉन्टेंट के लिए पूरा साउंड लैंड स्पेस बनाते हैं. हम चाहते हैं कि हर भाषा में दर्शकों को वैसा ही एक्सपीरियंस मिले.
- EQ
- टाइम प्रोसेसिंग
- गूंज और डिले
-
- गूंज और डिले का मकसद अपने दर्शकों को आवाज़ के ज़रिए बताना होता है कि कैरेक्टर बात करते समय किस जगह पर मौजूद हैं. शानदार एक्सपीरियंस देने के लिए, हम चाहते हैं कि जब Netflix की डबिंग टीम प्लग-इन स्पेसिफ़िकेशन या पैरामीटर न दे पाए, तो साउंड मिक्सर ओवी से जितना हो सके उतने मैच करने वाले स्पेस बनाएं. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्लग-इन या हार्डवेयर का इस्तेमाल किया जा सकता है.
-
- गूंज और डिले
- पैनिंग और पर्सपेक्टिव
- अगर हमारे कॉन्टेंट पार्टनर ने उपलब्ध कराया हो, तो Netflix डबिंग अपने डबिंग पार्टनर को ओवी डायलॉग स्टेम उपलब्ध कराता है. हमारी सलाह है कि साउंड मिक्सर उन्हें पैनिंग के लिए ऑडियो रेफ़रेंस के तौर पर इस्तेमाल करें, जब पैनिंग और पर्स्पेक्टिव इतने साफ़ न हो कि पूरे मिक्स में उन्हें दोहराया जा सके
- M&E
- हम अपने डबिंग पार्टनर को जो M&E ट्रैक उपलब्ध कराते हैं, वे अप्रूव हो चुके होते हैं और डबिंग करने के लिए उनकी क्वालिटी की जांच की जा चुकी होती है. हमारी सलाह है कि डबिंग मिक्सर मिक्सिंग करते समय किसी तरह का बदलाव न करें, न ही वॉल्यूम कम ज़्यादा करें. अगर उपलब्ध कराए गए M&E ट्रैक में कोई समस्या है, तो कृपया Netflix की डबिंग टीम से संपर्क करें, ताकि हम बता सकें कि आगे क्या करना है.
- ऑप्शनल ट्रैक
- ऑप्शनल ट्रैक में आमतौर पर प्रतिक्रियाएं, कॉल-आउट, विदेशी भाषा, गानों और वाला के लिए अलग से दिए गए वोकल होते हैं. डबिंग पार्टनर को हमारी सलाह है कि इन ऑप्शनल ट्रैक का इस्तेमाल अपने विवेक के आधार पर करें. रिकॉर्ड किए गए डायलॉग इन ऑप्शनल ट्रैक के साथ आसानी से मिल जाने चाहिए. अगर किसी ऑप्शनल ट्रैक को खास वजह से इस्तेमाल किया जाना है, तो Netflix की डबिंग टीम क्रिएटिव और तकनीकी निर्देश उपलब्ध कराएगी.
रीसोर्स